Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan (ASHA YOJANA) – झारखण्ड की राज्य सरकार ने झारखण्ड की सभी महिलाओं के हितों का ध्यान रखते हुए एक नए अभियान को शुरू करने का अधिकारिक ऐलान किया है। राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान (Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan) का नाम आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (ASHA YOJANA) है। इस कल्याणकारी अभियान को राज्य की सभी ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण हेतु शुरू किया है।
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Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan
ASHA YOJANA को शुरू करने के साथ ही साथ राज्य सरकार ने Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan को भी शुरू किया है। झारखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा 29 सितम्बर 2025 को इस अभियान को शुरू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री द्वारा इन सरकारी योजनाओं को शुरू करने का मुख्य उधेश्य राज्य की सभी ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।
Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan (ASHA YOJANA)
राज्य सरकार द्वारा शुरू किए इस सरकारी अभियान (Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan) के चलते राज्य की करीबन 17 लाख से अधिक महिलाओं को आजीविका के सशक्त साधनों से जोड़ा जा सकेगा। इतना ही नही इस ASHA YOJANA के अंतर्गत, स्थानीय संसाधनों से जुड़े स्वरोजगार के अवसर भी ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराए जाएंगे जो निम्न प्रकार है जैसे की –
- कृषि आधारित आजीविका
- पशुपालन
- वनोपज संग्रहण
- वनोपज प्रसंस्करण
- उद्यमिता
राज्य सरकार ने अपने इस अभियान के लिए करीबन 1200 करोड़ रूपये की धनराशि का प्रावधान किया है। इस सरकारी योजना का लाभ राज्य की करीबन 3.6 लाख प्रवासियों को दिया जाएगा।
हड़िया-शराब नहीं बेचेगी महिलाएं – Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan
इस अभियान को शुरू करने के साथ ही साथ राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने यह भी कहा है की कोई भी महिला सड़क पर हडियाँ – दारू बेचने के लिए मजबूर नही होगी। इतना ही नही हड़िया-दारु बनाने और बेचने वाली महिलाओं को अब आजीविका से जोड़कर तथा हर संभव मदद की जाएगी।
ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के साधन
झारखण्ड सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान (Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan) के चलते आजीविका संवर्धन हुनर अभियान से महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार से आसानी से जोड़ा जाएगा।
समाज में हड़िया-दारु एक अभिशाप है, जो समाज को कैंसर की तरह जकड़ रहा है। इतना ही नही हाल ही में यह भी देखने को मिला है की कई महिलाओं ने अलग अलग शहरों हड़िया-दारु के उत्पादन का विरोध भी किया है। मुख्यमंत्री ने इस कल्याणकारी अभियान को शुरू करने की अधिकारिक घोषणा 29 सितम्बर के 2020 की गई है।
पलाश ब्रांड को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा
सरकार ने इस अभियान को इसलिए शुरू किया है ताकि आने वाले समय में पलाश ब्रांड को देश और दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई जा सके। जिसकेलिए राज्य के सभी नागरिकों को पलाश ब्रांड को एक विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है।
इससे सबसे अधिक फायदा महिलाओं को सशक्रण बनाने में मिलेगा। अक्सर यह देखा जाता रहा है की कोई भी व्यक्ति यदि किसी वस्तु का उपयोग करता है तो वह सबसे सबसे पहले उस वस्तु के ब्रांड को देखता है। पलाश राज्य सरकार का ब्रांड है और जो भी उत्पाद इस ब्रांड के अंतर्गत रखी जायेगी अथवा बेची जायेगी वह पलाश के नाम से बिकेगा। जिसे राज्य को कोई भी व्यक्ति बिना किसी दुविधा के आसानी से उस वस्तु को खरीद सकता है।
फूलो-झानो आशीर्वाद योजना का उद्देश्य
झारखण्ड फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के अंतर्गत, हड़िया-दारु के निर्माण एवं बिक्री से जुड़ीं ग्रामीण महिलाओं को चिह्नित कर सम्मानजनक आजीविका के साधनों से जल्द से जल्द जोड़ा जाएगा।
इतना ही नही राज्य की करीबन 15 हजार हड़िया-दारु निर्माण एवं बिक्री से जुड़ीं महिलाओं का सर्वेक्षण मिशन नवजीवन (Mission Navjivan) अंतर्गत किया जा चुका है। साथ ही साथ महिलाओं का काउंसेलिंग कर मुख्यधारा के आजीविका से जोड़ने का कार्य में चिल किया जा सकेगा।
“फूलो झानो आशीर्वाद अभियान” (Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan) झारखंड राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका के अवसर प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए शुरू की गई है जो पारंपरिक रूप से हड़िया (चावल से बनी शराब) बनाने और बेचने के कार्य में संलग्न थीं।
📅 योजना की शुरुआत और उद्देश्य
यह अभियान सितंबर 2020 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को सम्मानजनक और स्थायी आजीविका से जोड़ना है, जो आर्थिक मजबूरी के कारण अवैध शराब निर्माण और बिक्री में शामिल थीं। योजना के तहत, इन महिलाओं को सखी मंडल से जोड़कर उन्हें विभिन्न स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
💰 वित्तीय सहायता और ऋण
प्रारंभ में, योजना के तहत प्रत्येक महिला को ₹10,000 तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जाता था। हालांकि, मार्च 2025 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस राशि को बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया, जिससे महिलाओं को अपने व्यवसाय को विस्तारित करने में और अधिक सहायता मिल सके ।
📊 योजना का प्रभाव
अब तक, इस अभियान से 30,000 से अधिक महिलाओं को लाभ हुआ है, और कुल ₹23.53 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है । इन महिलाओं ने विभिन्न व्यवसायों में कदम रखा है, जैसे कि:
गाय और बकरी पालन
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मुर्गी पालन
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चाय और नाश्ते की दुकानें
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किराना दुकानें
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विविध कृषि आधारित व्यवसाय
🌟 पलाश ब्रांड और सशक्तिकरण
इस योजना के तहत, पलाश ब्रांड की शुरुआत की गई है, जो सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को एक मंच प्रदान करता है। अब तक, लगभग 65 उत्पाद इस ब्रांड के तहत बेचे जा रहे हैं, और ये उत्पाद Amazon और Flipkart जैसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध हैं ।
📝 आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, इच्छुक महिलाओं को पहले सखी मंडल से जुड़ना होता है। इसके बाद, उन्हें झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी (JSLPS) के माध्यम से काउंसलिंग और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। ऋण प्राप्त करने के लिए, उन्हें संबंधित दस्तावेज़ों के साथ आवेदन करना होता है।
🔚 निष्कर्ष
फूलो झानो आशीर्वाद अभियान झारखंड की महिलाओं के लिए एक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन में सम्मान और आत्मविश्वास भी लाती है। यदि आप या आपके आसपास कोई महिला इस योजना का लाभ उठाना चाहती है, तो सखी मंडल से जुड़कर इस दिशा में पहला कदम बढ़ा सकती है।
यदि आपको आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ या अन्य किसी जानकारी की आवश्यकता हो, तो कृपया बताएं, मैं आपकी सहायता करने के लिए यहाँ हूँ।