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ASI Babu Ram Biography in Hindi – 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस के दिन शहीद सहायक उप-निरीक्षक बाबू राम को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ASI बाबू राम विशेष अभियान समूह (एसओजी) श्रीनगर के एक पुलिस अधिकारी थे। इतना ही नही इन्हें अशोक चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। आज हम आपको अपने इस लेख में सर्वोच्च वीरता पुरस्कार से सम्मानित ASI बाबू राम के जीवन से जुड़ीं कुछ अहम जानकारियाँ देंगे।
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ASI Babu Ram Biography in Hindi
प्रारंभिक जीवन (Early Life of ASI Babu Ram Biography in Hindi)
ASI बाबू राम का जन्म 15 मई 1972 को जम्मू क्षेत्र के मेंढर जिले के पुंछ जिले के धरना गांव में हुआ था, ASI बाबू राम की बचपन से ही वह सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने की इच्छा थी। इन्होनें अपने सम्पूर्ण पुलिस करियर में देश बहुत अधिक वीरता दिखाई है। जिसको आज सम्पूर्ण भारत देश शत शत नमन करता है।
पुलिस कैरियर (Police Career of ASI Babu Ram Biography in Hindi)
जब बाबू राम जी की सम्पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हें वर्ष 1999 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था। इतना ही नही इनके शानदार कार्य को देखते हुए 27 जुलाई, 2002 को, उन्हें श्रीनगर में विशेष अभियान समूह (SOG) को सौंप दिया गया था। इस पद को सँभालते हुए ASI Ram Babu ने देश के दुश्मनों को धुल चटाने के लिए कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया, जिसमें उन्हें कई कट्टर आतंकवादी को मार गिराया था।
वीरतापूर्ण कार्रवाई (Gallantly Action of ASI Babu Ram Biography in Hindi)
J&K पुलिस के एएसआई बाबू राम और उनका दस्ता पूरे रास्ते से गुजरने वाले वाहनों पर नजर रहे थे। इस ही दौरान क स्कूटी में तीन (3) आतंकी पहुंचे। तथा उन्होंने एक अर्धसैनिक बल पर हमला किया हाईवे पर भीड़ के बीच खड़े बल के सदस्य ने अपना हथियार लेने का प्रयास करते हुए नाका पार्टी पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं थी।
अंधाधुंध गोलियां चलने के बाद हड़कंप मच गया, एएसआई बाबू ने लोगों को बचाते हुए तुरंत हवा में फायरिंग कर दी थी। हवा में फायरिंग करने के बाद आतंकी डर गए और अपनी जान बचाकर पास के मोहल्ले में घुस बैठे थे।
ASI राम बाबू ने अपनी टीम के साथ आतंकवादियों का पीछा किया और जल्द ही एक घर में आतंकवादियों को घेर लिया था। जिसके बाद ASI राम बाबू ने घर में बंद लोगों को मुक्त कराने के लिए एक अभियान शुरू किया, जो एक आतंकवादी ठिकाने में बदल गया था।
ASI राम बाबू ने अपनी टीम से आतंकवादियों की घेराबंदी नहीं तोड़ने का आग्रह किया। इस बीच सुरक्षा बलों की अतिरिक्त यूनिट भी पहुंच गई। जिसके बाद आतंकियों को मार गिराने के ऑपरेशन को टालते हुए उन्हें सरेंडर करने के लिए मनाने की कोशिशें शुरू हो गईं। यह सिलसिला रात 10 बजे तक चलता रहा। इस दौरान, खबर आई कि घर में आतंकियों के साथ कुछ और लोग भी हैं।
इसके बाद बाबू राम फिर आगे बढ़े और जब उन्होंने वहां फंसे लोगों को फिर से निकालना शुरू किया तो वह आतंकियों की गोलियों का शिकार हो गए। लेकिन भारत माता के इस पुत्र ने मोर्चा नहीं छोड़ा और लश्कर कमांडर साकिब बशीर से आमने-सामने की लड़ाई लड़ी। कुछ ही देर में साकिब गिर पड़ा। अगर एएसआई बाबू राम ने जल्दी से कार्रवाई नहीं की होती तो आतंकवादी एक बड़ी घटना में सफल हो सकते थे।
शहीद होने से पहले ASI राम बाबू ने पंथाचौक युद्ध में मारे जाने से पहले यह वीर योद्धा 14 लड़ाइयों में 28 भयानक आतंकवादी कमांडरों की मौत के लिए जिम्मेदार था। उसने मोर्चा नहीं छोड़ा और लश्कर कमांडर साकिब बशीर से आमने-सामने की लड़ाई लड़ी।
- ASI Babu Ram House – जम्मू
- ASI Babu Ram Wife Name – श्रीमति रीना रानी
- ASI Ram Babu Father Name –
- ASI Ram Babu Mother Name –
- ASI Ram Babu Son Name – मानिक
- ASI Ram Babu Date of Birth – 5 मई 1972
एएसआई बाबू राम जीवनी (ASI Babu Ram Biography in Hindi)
परिचय:
बाबू राम भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में कार्यरत एक प्रसिद्ध और सम्मानित एएसआई (Assistant Sub Inspector) हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई कठिन और चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना किया। बाबू राम ने न केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, बल्कि अपने साहस, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से पुलिस विभाग में अपनी पहचान बनाई।
प्रारंभिक जीवन:
बाबू राम का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके परिवार ने हमेशा उन्हें अच्छे संस्कार और शिक्षा प्रदान की, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हुए। बाबू राम की शिक्षा सामान्य स्कूलों से हुई थी, और उनके भीतर हमेशा से ही समाज सेवा का जूनून था।
पुलिस सेवा में प्रवेश:
बाबू राम ने पुलिस सेवा में अपने करियर की शुरुआत एएसआई के रूप में की। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन से शीघ्र ही विभाग में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। वे अपनी निष्पक्षता, ईमानदारी और कठिन परिस्थितियों में भी अपना कर्तव्य निभाने के लिए जाने जाते हैं।
कार्यकाल और योगदान:
बाबू राम ने पुलिस विभाग में अपनी सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण केसों को सुलझाया। उन्होंने अपराधों की रोकथाम, जांच, और कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका काम हमेशा समाज की भलाई के लिए समर्पित था। वे सख्त लेकिन न्यायप्रिय थे, और हमेशा सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने का प्रयास करते थे।
साहसिक कार्य:
बाबू राम ने कई कठिन ऑपरेशन्स में अपनी भागीदारी दिखाई, जिनमें खतरनाक अपराधियों का पीछा करना और उन्हें पकड़ना शामिल था। उनकी बहादुरी और साहस के कारण उन्हें कई बार विभागीय सराहना प्राप्त हुई। वे अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे, और उनके साहसिक कार्यों ने उन्हें न केवल अपने विभाग में, बल्कि आम जनता के बीच भी सम्मान दिलाया।
समाज सेवा:
पुलिस सेवा में रहते हुए बाबू राम ने समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए कई कार्य किए। वे हमेशा अपनी पुलिसिंग के दौरान लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखते थे, और उनका मानना था कि एक पुलिस अधिकारी का काम सिर्फ अपराधों को सुलझाना नहीं, बल्कि समाज में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना भी है।
निष्कर्ष:
बाबू राम की जीवनी एक प्रेरणा है, जो हमें बताती है कि ईमानदारी, कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी कार्य में सफलता पाई जा सकती है। वे एक आदर्श पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी सेवा से पुलिस विभाग को गौरवान्वित किया। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा, और वे हमेशा युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
स्मरण:
बाबू राम का कार्य और उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्य हमेशा पुलिस सेवा और समाज में एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में याद किए जाएंगे।